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Saturday, November 12, 2011

0256

कुछ सपने तेरी यादों के कुछ यादें मेरे सपनो के l
कुछ पीले से लम्हे तेरी पानी में बहती आँखों के ll
हरजाई सूरज के वो बेवफाई वाले सच्चे किस्से l
तेरा तो मैं पूरा पूरा कुछ कुछ ही बस अपनों के ll
परिमल प्रियदर्शी  

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