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Saturday, December 12, 2020

0509

हवस को इश्क़ में शामिल नहीं किया हमने,  
वो जब भी जिस्म बना हम लिबाज हो गए थे..

Wednesday, December 9, 2020

0508

तू बन जा गली बनारस की  
मैं शाम तलक भटकू तुझमें..