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Thursday, September 23, 2021

0586

इश्क का धागा था साहब टूटता कैसे 

झूठे वादों की रस्सी से नही बांधा कभी उसको

Wednesday, September 22, 2021

0585

अदा आई जफ़ा आई ग़ुरूर आया हिजाब आया
हज़ारों आफ़तें ले कर हसीनों पर शबाब आया