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Wednesday, April 7, 2021

0568

गए तो थे उनके घर झुमका वापस करने
और उनकी नथनी पर दिल हार आये..

Tuesday, April 6, 2021

0567

तन्हाई में अक्सर दीवारों को दर्द सुनाया करता हूँ..
तेरी तस्वीर को देख कर मुस्कुराया करता हूँ..

Monday, April 5, 2021

0566

इश्क़ बिखरा है फिजाओं में साथ रंग के घुलकर, 
महक रहा है ज़हन में तेरा ख्याल गुलाल के जैसा!

0565

तैर कर पार भी आ सकते थे दरिया से मग़र
इश्क़ लहरों से हुआ था तो डूबना ही था...