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Friday, April 2, 2021

0564

दिल मे सुकून आखों मे आराम सा है,
तुम्हारा इश्क बनारस की शाम सा है..

Thursday, April 1, 2021

0563

टहलते फिर रहे हैं सारे घर में
तेरी ख़ाली जगह को भर रहे हैं

0562

❣️जिस दिन वो #श्रृंगार करती है ना ...
#चांदनी
भी 
#संवर
जाती है...🎻

0561

❣️
#बेसब्र #बेअदब #बेहद #इश्क़ था...सिर्फ़ तुझसे...
हदों में चाहूँ तुझें... ये मेरे बस की बात नहीं...थी...🎻

Wednesday, March 31, 2021

0560

बांहों में भर कर पूछा था उसने कौन सा रंग लगाऊं तुम्हें..
हमने भी कह दिया मुझे सिर्फ तेरे होठों का रंग पसंद है..

Monday, March 29, 2021

0559

तुझसे घुल कर रंग गुलाल हो जाउँ 
तुम बनो फागुन मे राधा, मै तेरा श्याम हो जाउँ..

0558

आप सामने हों और हम हद में रहें...

मोहब्बत में कोई इतना शरीफ़ भी नही होता..