Ads 468x60px

Labels

Saturday, May 9, 2020

0489

बहुत खामियां हैं मुझ में मालूम है मुझे,,,
मगर एक शख्स है खास जो मुझे अनमोल कहता है..!!!

0488

मैं तो ढूंढ़ रही हरा रँग सावन का,,
वो रँग प्यारा है मेरे मनभावन का । ।

0487

हो इश्क़ का रंग सफेद पिया,,
ना छल, ना कपट, ना भेद पिया..!

0486

एक तेरा खयाल आया और हम गुलाबी हो गए,,
अब और किसी रँग की मुझे दरकार कहा😍😍

0485

सबकी मर्जी से ढल जाऊ हर बार,ये ज़रूरी नही,,
मेरा भी अपना वज़ूद हैं,, मैं कोई आईना नही..!!!

0484

ऐब भी बहुत है मुझमे और खूबियां भी बहुत,,
ढूंढने वाले तू सोच,,तुझे क्या चाहिये मुझमे🤔🤔

0483

तुम्हारे मिलने के बाद नाराज़ है दिल मुझसे,
क्योंकि मैं उससे अब और कुछ माँगती ही नहीं💞

0482

अगर जगह देनी है तो अपनी रूह में दे,,
वरना दिलो में तो बहुतो के बसते हैं हम

0481

शिकायत है तुमसे,,
शिकायत न कर पाने की.!!

0480

जब किसी से कोई गिला रखना
अपने सामने आइना रखना..👌

0479

तेरे हिस्से की सारी बातें बचा रखी हैं मैंने,,
जब शहर खुलेंगे तो खुल के बात करेंगे हम😍🙋

0478

चेहरा तो मिल जाएगा मुझ से भी ख़ूबसूरत,,
पर बात जब दिल की आएगी,हार जाओगे तुम😍😍

0477

कुछ न होते हुए भी वो सब कुछ है,,
मेरा ओर उसका रिश्ता रुहानी हैं..!!