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Saturday, May 27, 2023

0605

नशा चढ जाता है हमें बस, तुम्हे सोचने भर से ही...

सोचों क्या होगा तब, जब तुम से मुलाकात होगी...

0604

नशा चढ जाता है हमें बस, तुम्हे सोचने भर से ही...

सोचों क्या होगा तब, जब तुम से मुलाकात होगी...

0603

खामोशी के भी अपने अल्फ़ाज़ होते है,

अगर तुम समझ जाते, तो आज मेरे होते।